Bank Locker Rule: जब हमारी मेहनत की कमाई से खरीदी गई कीमती चीज़ें सुरक्षित रखने की बात आती है, तो सबसे पहला ख्याल बैंक लॉकर का आता है। हम सोचते हैं कि बैंक का लॉकर हमारी ज्वेलरी, दस्तावेज़ और बाकी कीमती चीजों के लिए सबसे सेफ जगह है। लेकिन क्या वाकई बैंक लॉकर 100% सुरक्षित होते हैं? अगर लॉकर से सामान चोरी हो जाए या गायब हो जाए, तो क्या बैंक उसकी भरपाई करता है? चलिए, आज हम आपको बहुत ही आसान भाषा में बताते हैं RBI के नए नियम और लॉकर से जुड़ी जरूरी जानकारी।
बैंक लॉकर लेना है तो पहले जानिए ये ज़रूरी बातें
अगर आप किसी भी बैंक में लॉकर लेना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको उस बैंक ब्रांच में एप्लीकेशन देनी होती है जहां आप लॉकर चाहते हैं। लॉकर की सुविधा “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर दी जाती है। यानी अगर लॉकर खाली है तो आपको तुरंत मिल सकता है, नहीं तो वेटिंग लिस्ट में आपका नंबर आने का इंतज़ार करना पड़ सकता है।
लॉकर के लिए कुछ ज़रूरी दस्तावेज भी देने होते हैं जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ, एक हाल की तस्वीर और आइडेंटिटी प्रूफ। इसके साथ ही बैंक में एक मिनिमम बैलेंस भी होना जरूरी होता है।
बैंक लॉकर का किराया कितना होता है
अगर आप बैंक लॉकर लेने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले आपके मन में यही सवाल आएगा कि आखिर इसका किराया कितना होगा। दरअसल, हर बैंक में लॉकर का चार्ज अलग-अलग तय किया जाता है और ये पूरी तरह से लॉकर के साइज और ब्रांच की लोकेशन पर निर्भर करता है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की बात करें तो वहां लॉकर का सालाना किराया ₹2000 से शुरू होकर ₹12,000 तक जाता है। वहीं, कैनरा बैंक में लॉकर के लिए आपको ₹2000 से ₹10,000 तक सालाना शुल्क देना पड़ सकता है। अगर आप HDFC बैंक का लॉकर लेते हैं तो वहां यह चार्ज ₹3000 से शुरू होकर ₹20,000 तक पहुंच सकता है, जो इसकी प्रीमियम ब्रांच लोकेशन और बड़े साइज के लॉकर पर निर्भर करता है।
लॉकर में सामान रखेंगे तो क्या बैंक जिम्मेदार होगा
ये सवाल बहुत से लोगों के मन में होता है कि अगर लॉकर से सामान गायब हो जाए तो क्या बैंक इसकी जिम्मेदारी लेगा? RBI के नए नियमों के मुताबिक, अगर किसी तरह की चोरी, धोखाधड़ी या लापरवाही की वजह से लॉकर में रखा सामान गायब होता है, तो बैंक अधिकतम लॉकर के वार्षिक किराए के 100 गुना तक मुआवजा देने के लिए जिम्मेदार होगा।
ध्यान रहे कि प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, भूकंप, आग आदि की स्थिति में बैंक जिम्मेदार नहीं होता। हालांकि, बैंक अपनी शाखाओं का बीमा कराते हैं ताकि कुछ हद तक सुरक्षा बनी रहे।
लॉकर में सेफ है या नहीं आपका सामान
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब लॉकर पहले से ज़्यादा सुरक्षित हो गए हैं। अब बैंक बिना नोटिस दिए लॉकर नहीं तोड़ सकते और चोरी या फ्रॉड होने पर मुआवजा देना ज़रूरी हो गया है। लेकिन फिर भी लॉकर में ऐसी चीज़ें न रखें जिनकी कीमत लॉकर किराए के 100 गुना से ज़्यादा हो।
अगर है लॉकर तो इन बातों का रखें खास ध्यान
अपने लॉकर को सेफ और ट्रैक में रखने के लिए कुछ बातें ज़रूरी हैं। जैसे कि समय पर फीस भरें, लॉकर अपने घर के पास लें, उसमें रखे सामान की एक पूरी लिस्ट अपने पास रखें, समय-समय पर लॉकर को चेक करें और बैंक से जो एग्रीमेंट हुआ हो उसकी कॉपी अपने पास संभालकर रखें। लॉकर की चाबी और जानकारी किसी के साथ शेयर न करें। ध्यान रखें कि बैंक लॉकर में कैश नहीं रखा जा सकता और लॉकर में रखी चीजों का कोई बीमा नहीं होता।
बैंक लॉकर लेना एक समझदारी भरा फैसला हो सकता है, लेकिन इससे जुड़े नियम और शर्तें जानना और समझना उतना ही जरूरी है। अगर आप थोड़ी सी सावधानी रखें और बैंक के नियमों के अनुसार चलें, तो लॉकर आपके कीमती सामान के लिए एक बेहतरीन सुरक्षा विकल्प बन सकता है।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट और समाचार स्रोतों पर आधारित है। बैंक लॉकर से जुड़ी कोई भी फाइनल जानकारी लेने के लिए संबंधित बैंक या आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट से पुष्टि अवश्य करें।
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