
अभिनेता राजकुमार राव 28 जुलाई को एक जालंधर जेएमआईसी कोर्ट के सामने पेश हुए बेहेन होगी तेरी। पोस्टर ने उन्हें एक मोटरसाइकिल पर बैठे भगवान शिव के रूप में चित्रित किया, जिसके कारण नाराजगी और कानूनी कार्रवाई हुई। अदालत ने राजकुमार राव धार्मिक भावनाओं के मामले में सशर्त जमानत दी।
क्यों राजकुमार राव ने धार्मिक भावनाओं के मामले में अदालत का सामना किया
उनके अधिवक्ता, दर्शन सिंह दयाल ने कहा कि अभिनेता को पता परिवर्तन के कारण पहले सम्मन नहीं मिला था। एफआईआर में आईपीसी सेक्शन 295 ए, 120 बी, और आईटी एक्ट सेक्शन 67 के तहत आरोप शामिल थे। दयाल ने कहा कि चित्रण कलात्मक था, आक्रामक नहीं था, और राव की फिल्म भूमिका के साथ गठबंधन किया गया था। पोस्टर दृश्य में CBFC क्लीयरेंस था, और Dayal ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अनुच्छेद 19 (1) (a) का हवाला दिया।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया केस पर प्रतिक्रिया
इस मामले ने इस बात पर बहस की है कि भारतीय सिनेमा में धार्मिक प्रतीकों का उपयोग कैसे किया जाता है। कुछ राव की कलात्मक स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं; अन्य सांस्कृतिक संवेदनशीलता पर जोर देते हैं। यह मामला सक्रिय बना हुआ है, आगे की सुनवाई और पुलिस रिपोर्ट राजकुमार राव धार्मिक भावनाओं के मामले में लंबित है।
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पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1: राजकुमार राव के खिलाफ क्या मामला था?
A: इसमें 2017 का पोस्टर शामिल था बेहेन होगी तेरीजहां उन्होंने भगवान शिव के रूप में कपड़े पहने थे, कथित तौर पर भावनाओं को नुकसान पहुंचाते हुए।
Q2: क्या राजकुमार राव को जमानत मिली?
A: हाँ, उन्होंने जालंधर में आत्मसमर्पण कर दिया और उन्हें सशर्त जमानत दी गई।
Q3: क्या आरोप दायर किए गए थे?
A: IPC 295A (धार्मिक चोट), 120B (षड्यंत्र), और यह अधिनियम धारा 67।Q4: अदालत का क्या लेना था?
A: अदालत ने अपने आत्मसमर्पण को स्वीकार कर लिया, जमानत दी, और आगे की कार्यवाही निर्धारित की।