Savings Account: जब हम मेहनत से कमाई हुई अपनी पूंजी को बैंक के बचत खाते में जमा करते हैं, तो मन में एक संतोष होता है कि हमारा पैसा सुरक्षित है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर आपने तय सीमा से ज्यादा राशि बैंक खाते में जमा कर दी, तो इनकम टैक्स विभाग की नज़र आप पर भी पड़ सकती है? जी हां, अब सिर्फ आपकी कमाई ही नहीं, बल्कि बैंक में जमा और निकासी जैसे लेन-देन भी टैक्स सिस्टम के रडार पर हैं।
आयकर विभाग रखता है आपकी हर ट्रांजैक्शन पर नज़र
इनकम टैक्स विभाग सिर्फ आपकी सैलरी या आय पर ही नहीं, बल्कि आपके बैंकिंग व्यवहार पर भी बारीकी से नजर रखता है। यदि आपने एक निश्चित सीमा से ज्यादा राशि अपने बचत खाते में जमा की या निकाली, तो विभाग आपको नोटिस भेज सकता है। इसकी वजह यह है कि सरकार अब हर वित्तीय गतिविधि में पारदर्शिता चाहती है।
क्या है कैश जमा और निकासी की सीमा
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुसार, आप अपने बचत खाते में एक वर्ष में अधिकतम ₹10 लाख तक की नकद राशि बिना किसी संदेह के जमा कर सकते हैं। लेकिन जैसे ही यह राशि इस तय सीमा को पार करती है, बैंक इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देता है। इसके बाद विभाग की ओर से पूछताछ या नोटिस आ सकता है, जिसमें आपको यह स्पष्ट करना होगा कि इतनी बड़ी राशि कहां से आई।
आय का स्रोत नहीं बताया तो लग सकती है भारी पेनल्टी
अगर आप जमा की गई राशि का स्रोत नहीं बता पाते, तो इनकम टैक्स विभाग उस पूरी राशि पर भारी टैक्स और जुर्माना लगा सकता है। इसमें 60% इनकम टैक्स, 25% सरचार्ज और 4% सेस मिलाकर कुल 89.59% तक की वसूली संभव है। यानी आपकी जमा की गई रकम का बहुत बड़ा हिस्सा सरकार जब्त कर सकती है।
कैश ट्रांजैक्शन पर भी है सख्त निगरानी
कई लोग सोचते हैं कि ट्रांजैक्शन का मतलब सिर्फ पैसे जमा या निकालने से होता है, लेकिन ऐसा नहीं है। अगर आप एक दिन में ₹2 लाख या उससे अधिक नकद ट्रांजैक्शन करते हैं, चाहे वो खाते से खाते में ट्रांसफर हो या किसी को पेमेंट, तो इनकम टैक्स की धारा 269ST के तहत आप पर 100% पेनल्टी लग सकती है।
पैन कार्ड अनिवार्य कब होता है
अगर आप एक बार में ₹50,000 या उससे ज्यादा की नकद राशि बैंक में जमा कराते हैं, तो आपको अपना पैन कार्ड देना अनिवार्य है। बिना पैन कार्ड के इस सीमा से ऊपर का ट्रांजैक्शन करना संभव नहीं है। यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि वित्तीय धोखाधड़ी और काले धन पर रोक लगाई जा सके।
अपनी फाइनेंशियल आदतों में रखें पारदर्शिता
हममें से कई लोग जाने-अनजाने में बैंकिंग नियमों का उल्लंघन कर बैठते हैं और बाद में पछताना पड़ता है। ऐसे में यह ज़रूरी है कि हम अपने लेन-देन में पारदर्शिता रखें, हर बड़ा ट्रांजैक्शन रेकॉर्ड में रखें, और टैक्स से संबंधित नियमों की जानकारी समय-समय पर लेते रहें। क्योंकि एक छोटा सा गलती का कदम आपको नोटिस, जुर्माना और यहां तक कि कानूनी कार्रवाई तक ले जा सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न मीडिया स्रोतों और नियमों पर आधारित है। किसी भी प्रकार का वित्तीय निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या आयकर विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है।
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